Thursday, March 10, 2011


इस बीज को बोना चाहती हूँ
थोड़ी -सी धरती चाहिए
इस बीज को सींचना चाहती हूँ
थोड़ा बादल चाहिए।
इसे हवा मिले
...पुरवाई चाहिए
इसे रोशनी मिले
थोड़ा सा आकाश चाहिए।
बड़ा होगा फलेगा, फूलेगा
धरती आनंद से छा जाएगी
अमृत लोक से लाई हूँ ये बीज।
बड़ा संक्रामक रोग है इसे
प्यार का रोग, फैलाता है यह
इससे धरती पर प्यार फैलेगा।

1 comment:

  1. ek anokhi duniya hogi jab har trf pyaar hoga
    yeh duniya us din sbse khubsurat hogi....

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